Tuesday 15 November 2011

ग्रीन टी पिओ लंबी उम्र जिओ


ग्रीन टी पिओ लंबी उम्र जिओ
चाय दुनिया में पानी के बाद सबसे ज्यादा पिए जाने वाला पेय है। दुनिया में प्रतिवर्ष 2.5 बिलियन पाउंड चाय का उत्पादन होता है। ग्रीट टी औषधीय गुणों से भरपूर चाय है, जिसका चलन चीन और जापान में ज्यादा है, पर अपने गुणों के कारण धीरे-धीरे पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार दिन में दो कप ग्रीन टी फायदेमंद है। पर हां इसे बिना दूध डाले ही पिएं, क्योंकि दूध इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण को कम कर देता है।
कैंसरकारक तत्वों का खात्मा

ग्रीन टी थीएसी फैमिली के कैमिलिया जाति के पौधे की पत्तियों से तैयार की जाती है। पौधे की सबसे ताजी और कोमल पत्तियों को एकत्र किया जाता है। फिर उसे भाप देकर, रोल करके, सुखा लिया जाता है। ब्लैक टी की तरह इसका फरमेनटेशन नहीं किया जाता है। इसमें कैटीकिन, कैफीन, थीआनिन और कई तरह के विटामिंस होते हैं। कैटीकिन एक महžवपूर्ण एंटीआक्सीडेंट है, जो ग्रीन टी में सर्वाधिक 120,000 यूनिट/ग्राम पाया जाता है।

न्यूयार्क के प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. मिशेल गेनोर कहते हैं, "ग्रीन टी के सेवन से कैंसर की काफी हद तक रोकथाम होती है। इसमें पाया जाने वाला कैटीकिन कैंसरकारक तžवों को नष्ट करता है।"

ग्रीन टी से फायदे
विभिन्न तरह के कैंसर से बचाव करती है।
इसमें पाया जाने वाला कैटीकिन शरीर की चर्बी को कम कर मोटापा घटाता है।
रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कंट्रोल करती है।
डायबिटीज पर नियंत्रण रखती है।
उच्च रक्तचाप को घटाती है।
हार्ट अटैक और ब्ा्रेन स्ट्रोक से बचाती है।
इसके एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण रोगों से शरीर की रक्षा करती है।
याददाश्त बढ़ाती है, बढ़ती उम्र में होने वाले मैमोरी लॉस को रोकती है।
जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है।
आंखों में होने वाले ग्लूकोमा को रोकती है।
एंटी-ऎजिंग है। बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करती है।
इसका गरारा इंफ्लूएंजा से बचाता है।

टॉक्सिन को बाहर निकालती है
ग्रीन टी शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालती है। खाली पेट बिना दूध और शक्कर के इसका सेवन करने से लाभ पहुंचता है।
-वैद्य रमेश कुमार शर्मा, ह्वदय रोग विशेषज्ञ, आयुर्वेदाचार्य

-इरा टाक

तेरी यादे...

तेरी यादो को लगा रखा है मैंने दिल से
सजा रखा है दिल के हर कोने में
किसी साए को देख के दूर से
लगता है फिर होगा तेरा दीदार
लेकिन अजनबी होता है वो साया
चला जाता अपनी राह
फिर ताकने लगती हुँ मै सुनी राहो को
तेरी यादो को लगा रखा है मैंने दिल से
जब कभी झरोखों से आती है महकी पवन
होता है अहसास तेरे आसपास होने का
ढ़ूढ़ने लगता है तुझे व्याकुल मन
पर मिलता है केवल शूनयता का आभास
तेरी यादो को लगा रखा है मैंने दिल से
आंखे बंद करते ही नजर आता है तेरा चेहरा
तेरे साथ बिताये शरण ,पकड़ना चाहती हुँ उन पलो को

पर आंखे खोलते ही नजर आता है
सपनो की दुनिया से दूर का वही खालीपन
जो घेरे रहता है मुझ को
तेरी यादो को लगा रखा है मैंने दिल से
सजा रखा है दिल के हर कोने में

इरा टाक

दर्द को बेचा मैंने...

दर्द को शब्दों में पिरोया मैंने
दुःख के आसुओ से फिर धोया मैंने
सीख दी कि कभी प्रेम न करना...
न खोना तुम जो खोया मैंने॥

इरा टाक

संवेदना का संसार



संवेदना का संसार
आज भी ऎसे लोग हैं जिनमें इंसानियत का जज्बा बाकी है। मिलते हैं ऎसे परिवार से, जिन्होंने अपने लकवाग्रस्त कुत्ते हैप्पी के लिए खास व्हील चेयर बनवाई है और पूरे मनोयोग से उसकी सेवा और इलाज में जुटे हैं।आज के दौर पर नजर डालिए। जवान बच्चे अपने बूढे और लाचार माता-पिता से और कुछ माता-पिता अपने विकलांग और मंदबुद्धि बच्चों से पीछा छुडाते नजर आ रहे हैं। ऎसे में विकलांग पशु के बारे में अगर कोई सोचे, तो आश्चर्य तो होगा ही।
                    जयपुर के अभिषेक साहा ऎसा ही कुछ कर रहे हैं। वे स्टूडेंट हैं। उन्होंने अपने माता-पिता को शादी की सालगिरह पर लेब्राजेर पपी हैप्पी तोहफे के रूप में दिया। हैप्पी दो महीने का ही हुआ था कि गिरने की वजह से उसकी पिछली बाएं टांग में चोट आ गई। अभिषेक ने हैप्पी का खूब इलाज कराया। इसे वैटेनरी डॉक्टरों की लापरवाही कहें या किस्मत का खेल कि हैप्पी की दोनों पिछली टांगे बेकार हो गइंü, अब वो चलने में असमर्थ था। ऎसे में क ई लोगों ने हैप्पी को इंजक्शन देकर मरवाने की सलाह दी।
                      अभिषेक कहते हैं, 'जिस हैप्पी को हमने बच्चे की तरह पाला, जिसकी वजह से हमें खुशियां मिलीं, उसे मारने के बारे में तो हम सपने में भी नहीं सोच सकते थे। मैंने इंटरनेट पर सर्च किया तो लकवाग्रस्त कुत्तों के लिए व्हील चेयर का पता चला।' काफी तलाश करने के बाद अभिषेक की मुलाकात जयपुर स्थित सर्जिटेक संस्था के रमन तनेजा से हुई। सर्जिटेक विकलांग और असहाय व्यक्तियों के लिए कई उपकरण तैयार करती है। अभिषेक ने उन्हें अपने पैट हैप्पी के लिए व्हील चेयर बनाने का आग्रह किया। इंटरनेट पर डिजाइन भी दिखाए। रमन तनेजा ने इस चुनौती को स्वीकार किया और लगभग दो हफ्तों की मेहनत के बाद हैप्पी के लिए व्हील चेयर तैयार हो गई। इसकी लागत करीब दो हजार रूपए आई। इस व्हील चेयर को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि डॉग के बडे होने पर उसकी बढती ऊंचाई और लंबाई के हिसाब से एडजस्ट किया जा सके। इसकी सहायता से डॉग चल-फिर और दौड भी सकता है। सेवा रंग लाएगीअपनी तरह की ये पहली व्हील चेयर है, जो डॉग के लिए बनाई गई है। आज हैप्पी छह माह का हो गया है, उसके जोश में कहीं कोई कमी नहीं। बच्चों के साथ खेलना उसे बहुत पसंद है। सडक पर दूसरे कुत्तों को देखकर सरपट भागता है। हैप्पी का इलाज डॉ. एम.एल. परिहार कर रहे हैं। अभिषेक कहते हैं, 'हमें पूरा विश्वास है कि जल्द ही हैप्पी अपने पैरों की खोई ताकत पा लेगा और बिना व्हील चेयर के दौडेगा।' इस बात को सुनकर हैप्पी भौंकता है, मानो अपने मालिक को विश्वास दिला रहा हो कि उनकी सेवा और प्यार रंग लाएंगे। अभिषेक और रमन तनेजा का यह प्रयास और लोगों को भी सेवा की प्रेरणा देगा। भले ही हैप्पी बोल न पाता हो पर उसकी आंखों में अपने मालिक के प्रति आभार साफ झलकता है।

इरा टाक

जीवन

हर कदम संघर्ष का नाम है जीवन...
मुश्किलों से टकराने का नाम है जीवन
मन में महत्वाकान्शाओ और उमंगो को लिए
कुछ कर गुजरने का नाम है जीवन
हृदय में पीर छुपा के मुस्कराने का नाम है जीवन।


.....इरा टाक

डर भी है....

कैसी बैचैनी का आलम है,मन में एक अजीब सी उलझन है...
आँखों में ढेरो सपने है,पर मन में कही उनके टूट जाने का डर भी है।
हर तरफ रंग है फूल है,पर इस गुलशन के उजड़ जाने का डर भी है
जिंदगी के अजीब रास्तों पे उसके बिछड़ जाने का डर भी है
डरती हूँ दुर्भाग्य के बवंडर से ,बसे बसाये बिखर जाने का डर भी है
आज हाथो में ढेर सारी खुशिया है,पर रेत की तरह फिसल जाने का डर भी है।

इरा टाक

उम्मीद

झरोखे से आती रौशनी जगाती है उम्मीद।
कि शायद अब मिल जाये मुझे मंजिल मेरी
अंधेरो से भरे वो दिन,वो साल॥
जहा दूर तक था बस अँधेरा ही हमसाया
अब भेदती है उसे रौशनी की एक किरण
कि शायद अब मिल जाये मुझे मंजिल मेरी
गुमनामी में खोया हुआ वो मेरा वजूद
जहा खामोशी का था आलम ....
अब एक मधुर झंकार तोरती उस सन्नाटे को
कि शायद अब मिल जाये मुझे मंजिल मेरी
अभिलाषाओ से भरा मेरा मन जो
मुरझा गया था दुर्भाग्य की मार
उमंगों से भरे हुए वो टूटे सपने
अब एक नया बसंत भरता है रंग उन सपनो में
कि शायद अब मिल जाये मुझे मंजिल मेरी
इरा टाक
आंखे थक चुकी है तेरे इन्तजार में
क्या लायेगा कोई मौसम बहार इस दयार में 
सूखे पत्तो की सरसराहट,वीरान हवाओ का शोर
भूले से भी अब कोई आता नहीं इस ओर 
जिंदगी के रास्तो पर जब साथ चले थे तुम
लगता था की सदाबहार होगा ये मौसम
आशाओ का समंदर मरता था हिलौरे 
पर अचानक आंखे खाली हो गयी
सारे सपने किसी  ने चुरा लिए हो जैसे
वही रास्ते है..वही लोग है..वही मंजिले
न अब न वो रंग है..न जलतरंग के मधुर स्वर
और आंखे ..आंखे थक चुकी है तेरे इन्तजार में

इरा टाक 

ऐसा क्यों होता है.

हर पल हर लम्हा आती है तेरी याद
ख़ामोशी के हर षण में वो तेरी आवाज
ह्रदय में तेरी मौजूदगी का अहसास
क्यों होता है ऐसा हमारे साथ..???
तेरी उन्मुक्त हंसी की खनखनाहट
दिल को छु लेने वाली बाते,
छेडती है मन के तार
क्यों होता है ऐसा हमारे साथ..???
तपते सूरज की सतरंगी धूप
पतझर में फूलो का आभास
हवाओ में सारंगी की आवाज
क्यों होता है ऐसा हमारे साथ..???
पहाड़ सी जिंदगी जो लगती थी बोझ कभी
पथरीले रास्ते जो बन गए मखमली जमी
कठिनाई भी नहीं करती अब व्यथित मन
क्यों होता है ऐसा हमारे साथ...???
क्यूंकि जीवन के हर कदम पे
एक फ़रिश्ता है मेरे साथ..
जो बचाता है हर मुश्किल से और देता है
साहस..शायद इसलिए ऐसा होता है हमारे साथ

इरा टाक 

अब तो जीने का मन करता है...

अब तो जीने का मन करता है...


खामोश रह के बहुत सह लिया
खून के आंसुओ को बहुत पी लिया
क्या मिला मुझे अच्छा बन के...?
सिर्फ दर्द और तन्हाईयाँ...
अब तो बुरा बन के जीने का मन करता है ।

महुबतो का दरिया बहता था मुझमे
बेरुखी ने उनकी रेगिस्तान कर दिया
क्या मिला मुझे वफ़ा कर के...?
सिर्फ जख्म और आंसू ...
अब तो बेवफा बन के जीने का मन करता है।

सारे अरमान,सारी खवाईशे ही मिटा दी
अपना वजूद भी खो दिया
क्या मिला मुझे फ़ना हो के...?
सिर्फ अँधेरा और रुँसवाईयाँ
अब तो बगावत कर के जीने का मन करता है।

इरा टाक

Saturday 12 November 2011

Power...Era

Power...


Nights have become Sleepless
Days r still viable
You...elixir of life
Antidote to all pains
Ready to harness
This power more n more
Power of Love
Vision was blurred
Heart was gloomy
You…dazzled life
With new vision
 Ready to harness
This power more n more
Power of  zeal

Music…everywhere
No more sorrow
You brought ultimate happiness
Which brightened soul
Ready to harness
This power more n more
Power of happiness

Era tak

Wizards of words...

Wizards of words...


Ohh…Wizards of words
U make me words less
Feel the silence of love
And become speechless
Ennui... if ur not around
Ultimate happiness
Is being wid you
The way u Care…
the way u chide
Show ur deep love
Make my eyes wet
Ohh…wizards of Words
U make me word less

Era tak

Who Are You...

Who r u...?


Who r u...?
Cynosure
Pantomime
Angel…Scholar
Or just A lover
Who r u…?
Inspiration
Knowledge
Ecstacy…Zeal
Or Just My Love
Who r u…?
Passion
Desire
Tornado…Serenity
Or Just A Boon

 era tak

Immaculate Love...Era Tak

By Era Tak · Friday, June 17, 2011
That was something...
So pure and immaculate
Gentle and soft in your love
That touched My soul...


Love ..that is so Invigorating
I never thought of...
Those Soothing Words... which whispers
In my ear and made me Flow


I finally lost my senses...
Rambled In Trans
And the pleasure of Ecstasy...
But now Solace A Soul wants...


Era Tak

My TwinFlame...Era tak

My TwinFlame...Era tak

by Era Tak on Wednesday, October 5, 2011 at 9:01am
My TwinFlame...

Living in Ecstasy even if ur not around
Lived an ERA of Divine Pleasure..With you 
No More desire...No more Longing

Ocean of Love...Oozing in my soul
I wonder..how I become so Genial
No Expectaions..No Demands...No Ire

My Twin Flame..My Magical World
U Chiseled My Talent..My skills
No more search...No more Dreams

I was Dead...U elixired Me
Love is emitting from my Aura
No more Life...Am complete

Era Tak

Saturday 10 September 2011

जीवन

हर कदम संघर्ष का नाम है जीवन...
मुश्किलों से टकराने का नाम है जीवन
मन में महातावाकंशाओ और उमंगो को लिए
कुछ कर गुजरने का नाम है जीवन
हृदय में पीर छुपा के मुस्कराने का नाम है जीवन।

.....इरा टाक

तरीका...

जिंदगी के हर लम्हे को हँस के गुजार दे
राह में जो मिले दोस्तों में शुमार ले
दिल तोड कर तो.. वो कब के चल दिए
और हम जीते है उनकी मुहब्बत के खुमार में
सीखा है हमने अश्को को पीना ...
शरीफों के गंमो का चर्चा होता नहीं बाजार में

इरा टाक

Even A Child Knows -A film by Era Tak