जब भी रोकी जाती है कोई कलम
काटी जाती है कोई गर्दन
होता है शिकार
सच को सच कह देने वाले का
सोचती हूँ
क्या हम जंगल में हैं
या समाज में जानवर ज्यादा हो गए हैं
किसके लिए लिखें
जानवरों के लिए
ताकि भोंक दे वो तलवारें
हमारे पीठों में
या गूंगों के लिए
जो चुप है
इन नरसंहारों पर !
Era Tak
#GauriLankeshMurder
काटी जाती है कोई गर्दन
होता है शिकार
सच को सच कह देने वाले का
सोचती हूँ
क्या हम जंगल में हैं
या समाज में जानवर ज्यादा हो गए हैं
किसके लिए लिखें
जानवरों के लिए
ताकि भोंक दे वो तलवारें
हमारे पीठों में
या गूंगों के लिए
जो चुप है
इन नरसंहारों पर !
Era Tak
#GauriLankeshMurder