जिंदगी के हर लम्हे को हँस के गुजार दे
राह में जो मिले दोस्तों में शुमार ले
दिल तोड कर तो.. वो कब के चल दिएऔर हम जीते है उनकी मुहब्बत के खुमार में
सीखा है हमने अश्को को पीना ...
शरीफों के गंमो का चर्चा होता नहीं बाजार में
इरा टाक
इरा टाक लेखक, फिल्मकार, चित्रकार हैं. वर्तमान में वो मुंबई में रह कर अपनी क्रिएटिव तलाश में लगी हुई हैं . ये ब्लॉग उनकी दुनिया की एक खिड़की भर है.
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