Sunday 30 June 2013

अपनी दोस्त और दीदी वंदना को देख के एक आया एक ख्याल
आज मुझे एक लड़की मिली
खुद  पर इतराती
खुद ही  बलखाती
बहुत साधारण पर खुद पर मुग्ध
 खूब हँसती हुई 
खुद को  प्यार करती हुई
 फ़र्ज़ सारे निभाती हुई  
 फिर भी दुनिया से अलग अलग
काश मुझ में भी ये हुनर आ जाये
खुद भी अपनी फ़िक्र आ जाये ..   इरा टाक

 


 

Saturday 15 June 2013

प्रेम मे स्पेस
स्पेस दो मेरा दम घुटता है ....जब आप स्पेस देंगे तो आपके दिए स्पेस को कोई और भरने लगेगा ...खाली जगह रहती नहीं यही प्रकृति का नियम है ...यदि प्रेम है तो दोनों एक हैं ...स्पेस की जरुरत सिर्फ आकर्षण में पड़ती है या तब जब दोनों स्वार्थवश एक दुसरे से जुड़े हों ..वरना प्रेम में मेरा तेरा होता ही कहाँ है ? छुपाते हम तभी हैं जब हमे लगता है कि  हम गलत कर रहें हैं ..वरना अगर आप रिश्ते में ईमानदार हैं पूरी तरह प्रेम में हैं तो पारदर्शिता होनी चाहिए 

Wednesday 12 June 2013

प्रेम बड़ा विचित्र है ..हम हवा में उड़ने लगते हैं
एक इंसान के इर्द गिर्द हमारी दुनिया सिमट जाती है।।मानो हम जी भी सिर्फ उसी की वजह से रहें हों
लेकिन जब हमे अपेक्षित प्रेम नहीं मिल पाता।।हम भीड़ में भी अकेले हो जाते हैं ..वही इंसान हमारे सबसे बड़े दुःख का कारण भी बन जाता है।।।कैसे टूटता  है तब मन
सारे सपने बिखर जाते हैं ...बड़ा मुश्किल हो जाता है खुद को संभाल पाना।। बुद्धि जवाब दे जाती है
प्रेम या तो बना देता है या पूरी तरह बिगाड़ देता है ..बीच की स्थिति नहीं होती प्रेम मे

Even A Child Knows -A film by Era Tak