कुछ फितरत ही ऐसी है अपनी
मासूमियत दिल की जाती नहीं
तभी तो भीड़ में कुछ अपने और
गुनाहगारों में फ़रिश्ते ढूढ़ लेते हैं।।।इरा टाक (मेरी किताब "अनछुआ खवाब "से )
मासूमियत दिल की जाती नहीं
तभी तो भीड़ में कुछ अपने और
गुनाहगारों में फ़रिश्ते ढूढ़ लेते हैं।।।इरा टाक (मेरी किताब "अनछुआ खवाब "से )
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