मेरी किताब अनछुआ ख्वाब से….
ऐसे ही दिल में लहर सी उठती है
इश्क में शब् भी सहर सी लगती है
असर मुहब्बत का है या इबादत का मेरी
खाली ज़िन्दगी अब भरी भरी सी लगती है
ऐसे ही दिल में लहर सी उठती है
इश्क में शब् भी सहर सी लगती है
असर मुहब्बत का है या इबादत का मेरी
खाली ज़िन्दगी अब भरी भरी सी लगती है
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