प्रेम बड़ा विचित्र है ..हम हवा में उड़ने लगते हैं
एक इंसान के इर्द गिर्द हमारी दुनिया सिमट जाती है।।मानो हम जी भी सिर्फ उसी की वजह से रहें हों
लेकिन जब हमे अपेक्षित प्रेम नहीं मिल पाता।।हम भीड़ में भी अकेले हो जाते हैं ..वही इंसान हमारे सबसे बड़े दुःख का कारण भी बन जाता है।।।कैसे टूटता है तब मन
सारे सपने बिखर जाते हैं ...बड़ा मुश्किल हो जाता है खुद को संभाल पाना।। बुद्धि जवाब दे जाती है
प्रेम या तो बना देता है या पूरी तरह बिगाड़ देता है ..बीच की स्थिति नहीं होती प्रेम मे
एक इंसान के इर्द गिर्द हमारी दुनिया सिमट जाती है।।मानो हम जी भी सिर्फ उसी की वजह से रहें हों
लेकिन जब हमे अपेक्षित प्रेम नहीं मिल पाता।।हम भीड़ में भी अकेले हो जाते हैं ..वही इंसान हमारे सबसे बड़े दुःख का कारण भी बन जाता है।।।कैसे टूटता है तब मन
सारे सपने बिखर जाते हैं ...बड़ा मुश्किल हो जाता है खुद को संभाल पाना।। बुद्धि जवाब दे जाती है
प्रेम या तो बना देता है या पूरी तरह बिगाड़ देता है ..बीच की स्थिति नहीं होती प्रेम मे
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