इतनी मुहब्बत...इतना इतबार ...ऐसा सुकून...आपका ही चर्चा...आपका ही सजदा...ऐसा लगता है आप मेरे खुदा बन गए हो...इरा
इरा टाक लेखक, फिल्मकार, चित्रकार हैं. वर्तमान में वो मुंबई में रह कर अपनी क्रिएटिव तलाश में लगी हुई हैं . ये ब्लॉग उनकी दुनिया की एक खिड़की भर है.
Friday, 20 January 2012
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खंडे और खावण खंडों का शहर जोधपुर कहानियां तितलियों की तरह हवा में उड़ती हैं , लोगों पर मंडराती हैं , बारिशों में भीगती हैं और मैं उनको ...
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यात्रायें हर बार कुछ न कुछ नया सबक देती ही हैं, नई जगह , नई बधाएं , नए लोग और नए हम । यूँ तो लगातार मुंबई-जयपुर करते हुए मुझे यात्राओं...
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बात बचपन की है , जब मैं अपने मम्मी के साथ उत्तर प्रदेश के एक पिछड़े शहर बदायूं में रहा करती थी . यू पी के नक़्शे मे...
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