जो सच्चा दोस्त होगा
वो दिल में तो रहेगा, सिर नहीं चढ़ेगा
वो दूर होगा लेकिन मुसीबत में साथ नज़र आएगा
वो दोस्त के बढ़ते कद से भयभीत नहीं होगा
बल्कि उसके लिए लिहाज़ और प्रेम बनाये रखेगा
वो दूसरों के सामने गलत नहीं कहेगा
भले ही कुछ शिकायतें हों
वो दूसरे से तुलना करके नीचा नहीं दिखाएगा
वो समझेगा ख़ामोशी और अपने शब्द मीठे रखेगा
वो सुनेगा केवल अपनी नहीं कहेगा
वो समझायेगा, थोपेगा नहीं
वो महफिल में शामिल होगा, दुआ में याद करेगा
वो बांधेगा नहीं, फिर भी बीच होंगें रेशमी धागे
दोस्त कितने भी आम हों, वो ख़ास महसूस करवायेगा
वो मतलब निकलते ही, साथ नहीं छोड़ेगावो मात्र प्रेम चाहेगा और प्रेम देगा
और ऐसे दोस्त, सिर्फ़ नसीब वाले पाते हैं।
- इरा टाक ©
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