किसी ने मुझे कहा कि मुंबई में हुए बलात्कार पर आपने कुछ नहीं लिखा।क्या लिखने से ये अपराध कम हो जाएंगे। क्या देश के हालात बदलेंगे..देश की सामाजिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही
है...औरते...बच्चियां असुरक्षित हैं...क्या वास्तव में आप सब को अफ़सोस
है..जो हो रहा है..?धर्म के नाम लोगों का आर्थिक मानसिक और शारीरिक शोषण हो रहा है। क़ब तक अंधें बने रहेंगे ? औरतो की इज्ज़त करना सीखिए...सिर्फ फेसबुक पर काली फोटो
लगाने से हालात नहीं बदलेंगे...विरोध कीजिये...आपकी आँखों के सामने किसी भी
बच्ची या महिला का शोषण हो रहा हो तो उनकी मदद कीजिये...कब तक हम अपने घर
में हादसा होना का इंतज़ार करेंगे..?
शारीरिक बलात्कार के साथ मानसिक बलात्कार भी उतना ही जघन्य अपराध है...विरोध करें..शुरुवात कीजिये खुद को सुधारने से
शारीरिक बलात्कार के साथ मानसिक बलात्कार भी उतना ही जघन्य अपराध है...विरोध करें..शुरुवात कीजिये खुद को सुधारने से
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