तू क्या सिलेगा ज़ख़्म मेरे
तेरी सिलाई इतनी महीन नही है
तू लाख कहे मुहब्बत है
पर अब मुझे तेरा यकीन नहीं है …इरम
तेरी सिलाई इतनी महीन नही है
तू लाख कहे मुहब्बत है
पर अब मुझे तेरा यकीन नहीं है …इरम
इरा टाक लेखक, फिल्मकार, चित्रकार हैं. वर्तमान में वो मुंबई में रह कर अपनी क्रिएटिव तलाश में लगी हुई हैं . ये ब्लॉग उनकी दुनिया की एक खिड़की भर है.
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